निर्मला सीतारमण ने कहा – ग्राहक केंद्रित बैंकिंग के लिए मानवीय जुड़ाव और भाषा दोनों जरूरी
नई दिल्ली / मुंबई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बैंकों से आग्रह किया कि वे केवल डिजिटल माध्यमों पर निर्भर न रहें, बल्कि ग्राहकों के साथ पर्सन-टू-पर्सन संपर्क पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि बैंकिंग में तकनीक के साथ मानवीय जुड़ाव भी उतना ही आवश्यक है।
मुंबई में आयोजित 12वीं एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों को अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने के लिए पारंपरिक और तकनीकी बैंकिंग का मिश्रण अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “सिर्फ डिजिटल कनेक्शन काफी नहीं है। बैंकिंग हमेशा ग्राहक केंद्रित और स्टाफ संचालित सेवा रही है। आपको मानवीय संपर्क पर भी उतना ही फोकस करना होगा।”
सीतारमण ने कहा कि भाषा ग्राहक जुड़ाव का महत्वपूर्ण माध्यम है, इसलिए शाखाओं में कार्यरत कर्मचारियों को स्थानीय भाषा की समझ होनी चाहिए। “पब्लिक सेक्टर बैंकों की एचआर पॉलिसी में बदलाव करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि शाखा स्तर पर स्थानीय भाषा बोलने वाले अधिकारी मौजूद हों,” उन्होंने कहा।
वित्त मंत्री ने एमएसएमई सेक्टर की क्रेडिट रेटिंग व्यवस्था पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने ग्राहकों की क्रेडिट रेटिंग खुद तैयार करनी चाहिए और इसे किसी आउटसोर्स एजेंसी के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि ऐसी एजेंसियों की प्रक्रिया में कई खामियां पाई जाती हैं।
